A Secret Weapon For तरबूज के रस के फायदे

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 तरबूज़ में पोटेशियम की अधिक मात्रा होती है इसलिए इसकी अत्याधिक खपत हृदय की समस्याओं को जन्म दे सकती है।

यह जापान से लाई गई किस्म है इस किस्म के फल का औसत भार ७-८ किग्रा० होता है इसका छिलका हरा और मामूली धारीदार होता है इसका गूदा गहरा गुलाबी मीठा होता है इसके बीज छोटे होते है प्रति हे० २२५ क्विंटल तक उपज दे देती है।

तरबूज की उत्पत्ति जोधपुर जिले के मोडकिया ग्राम से मानी जाती है ग्राम के निवासी भरूवो के जाटाले खेत में बड़े-बड़े तरबूज एवं मतीरे होते थे देश विदेश के लोग यहां से तरबूज एवं मतीरे खाने के लिए आते थे और साथ में भी ले जाते थे अभी भी यहां के तरबूज विश्व भर में प्रसिद्ध है देश-विदेश के पर्यटक यहां के बड़े-बड़े तरबूज तरबूज खाने के लिए आते हैं खेती व प्रयोग

प्रेरक कहानियां प्रेगनेंसी-पेरेंटिंग

तरबूज का जूस पी कर तुरंत पानी या दूध-दही या किसी अन्य पेय पदार्थ का सेवन ना करें।

विटामिन सी की उच्च मात्रा प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करती है

बढ़ती गर्मी और उमस के कारण अपच और डिहाइड्रेशन जैसी बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में हमें अपने खाने-पीने की चीजों पर ध्यान देना चहिए ताकि हमें बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिल सके और हाइड्रेटेड रहने के लिए पानी भी पिएं। हमें अपने आहार में फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए। इन्हीं फलों में से एक है तरबूज, जिसमें भरपूर पानी होता है और यह हमारे शरीर को ठंडक भी प्रदान करता है।

यह संयुक्त राज्य अमेरिका से लाई गई किस्म है इस किस्म के फल बीज बोने के ९५-१०० दिन बाद तोड़ाई के लिए तैयार हो जाते है, जिनका औसत भार ४-६ किग्राम होता है इसके फल में बीज बहुत कम होते है बीज छोटे, भूरे और एक सिरे पर काले होते है उत्तर भारत में इस किस्म ने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है प्रति हे० २००-२५० क्विंटल तक उपज दे देती है छिलका हरे रंग का, गूदा लाल, मीठा होता है।

बीज की मात्रा- प्रति हे० ४ से ५ किग्रा० बीज पर्याप्त होता है।

विंटर मेलन में आयरन की अच्‍छी मात्रा होती है। आयरन की अच्‍छी मात्रा होने के कारण पेठा का सेवन करने से यह शरीर के सभी हिस्‍सों में रक्‍त परिसंचरण को बढ़ाता है। आयरन लाल रक्‍त कोशिकाओं के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाता है। इसका एक और प्रमुख कार्य आक्‍सीजन का अवशोषण करना है। जिससे आयरन आक्‍सीजन को शरीर के सभी हिस्‍सों में पहुंचाता है। शीतकालीन तरबूज एनीमिया के खतरे को कम करने में मदद करता है साथ ही यह मस्तिष्‍क में रक्‍त के उचित प्रवाह को सुनिश्चित करता है। जिससे मस्तिष्‍क में शुद्ध आक्‍सीजन की आपूर्ति बनी रहती है और यह स्‍मृति, एकाग्रता और ध्‍यान की क्षमता में वृद्धि करने में मदद करता है।

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(और पढ़ें – शरीर की ताकत बढ़ाने के घरेलू उपाय)

एलर्जी : कुछ लोगों को तरबूज से एलर्जी होती है, हालांकि ऐसे मामले बहुत ही कम देखने मिलते हैं। तरबूज के जूस से होने वाली एलर्जी आमतौर पर गैस्‍ट्रोइंटेस्‍टाइनल समस्‍याएं, मतली या उल्‍टी आदि के रूप में होती हैं।

बीटा-कैरोटीन और लिपोसीन हृदय संबंधी मुद्दों को have a peek at this web-site रोकते हैं

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